जिस प्रकार कृषि क्षेत्र में पौधों को बाढ़ हेतु आवश्यक मात्रा में जैविक और रासायनिक खाद का उपयोग किया जाता है उससे प्रकार गहन मत्स्य उत्पादन हेतु तालाबों में समय समय पर उचित मात्रा में खाद
का उपयोग किया जाना चाहिए | मत्स्य पालन के खयाल से तालाब का पानी का ph 7.5 होना चाहिए | तालाब के पानी में ph सही नहीं रहने के कारण मछली की वृद्धि सही नहीं है |
इसके लिए
प्रति एकड़ 40 से 50 kg चुना का घोल बनाकर पूरे तालाब में छिड़काव करवाते रहना चाहिए | तालाब का पानी है तो समझना चाहिए की मछली का प्रयाप्त मात्रा में भोजन है | पानी साफ़ यानी सादा हो
गया है तो ऊपर बताये गए मात्रा के अनुसार ऐकड़ के हिसाब से 15-20 दिन पर खाना देते रहना चाहिए |
ध्यान देने योग्य बाते हैं की यदि सुबह-सुबह मछलियां पानी के सतह पर ऊपर मुँह देने लगे तो
खाना बंद कर देना चाहिए क्योंकि तालाब में खाना ज्यादा हो गया है और ऑक्सीजन की कमी हो गयी है | ऐसी स्थिति में चुना का घोल शाम के समय में डालना चाहिए |